Loading...

यह लक्षण बताते हैं कि आपकी कुलदेवी आप से नाराज है और आपकी पूजा का फल कोई भूत ले रहा हैं |जैसा की आपने इस ब्लॉग का टाइटल समझके अंदाजा लगा लिया होगा की आज में आपसे कुलदेवी की बात करने जा रहा हूँ, इस बात को समझने से पहले आपका ये जानना जरूरी हैं की कुलदेवी या कुलदेवता होते कौन हैं, क्युकी जबतक आपको कुलदेवी कौन होती हैं ये नहीं पता तब तक आगे इस विषय में वार्तालाप करना निरर्थक हैं। कुलदेवी और कुलदेवता वो देवता होते हैं जिन्हे हमारे पूर्वज यानि दादा दादी नाना नानी पिता माता पूजते आ रहे हो, याद रहे यहाँ पर इष्ट देव में अंतर होगा, क्युकी इष्ट देव वो होते हैं जिन्हे हम पूजते है और कुलदेवी जिसे हमारे बड़े बूढ़े ।

आजकल लोग गावों से निकलकर शहर आ गए हैं और वहाँ पे जॉब और व्यापार के कारण अपने आप को ही खो चुके हैं, ऐसा नहीं हैं की वो लोग भगवान का ध्यान नहीं करते, अब कुलदेवी की साधना पूजा में बदल गई हैं जो की दैनिक दिनचर्या की तरह निभायी जाती हैं, लेकिन वही गांवों में अभी भी इसका पूर्व तरीके से पालन होता हैं, जिसको भी अपनी कुलदेवी के बारे में पता करना हैं तो उसे अपने बड़े बूढ़ों से इसके बारे में पूछना होगा, अब ये कुलदेवी वो होती हैं जो आपके इष्ट से आपको मिलवाती हैं , अगर ये नाराज तो आपकी आवाज कभी आपके इष्ट तक नहीं जाएगी ,

और इनके नाराज होने से आपके पित्र भी नाराज हो जाते हैं क्युकी ये इन्हे पूजते आ रहे होते हैं, ये एक् कड़ी है जो आपके इष्ट से आपको जोड़ती हैं, इसलिए इन्हे मनाना बहुत जरूरी हैं, और ये आपके पूजा का नाही फल लेने देती ना ही ईश्वर को आपका भोग ग्रहण करने देती, इसका उधाहरण : 1. खूब सारी पूजा पाठ कर ली फिर भी ईश्वर सुन नहीं रहा 2. खूब सारी पूजा पाठ करली परंतु सब कुछ अच्छा होने की जगह बिगड़ता चला गया । अब सवाल सबसे बड़ा ये आता है की जब ईश्वर आपका प्रसाद नहीं ले रहा हैं तो आपका प्रसाद भोग ले कौन रहा हैं ?

1.कौन ले रहा हैं आपकी पूजा का फल और भोग ?

अब दोनों बाते ऊपर लिखी हुई को पहले समझते हैं ;

  1. खूब सारी पूजा पाठ कर ली फिर भी ईश्वर सुन नहीं रहा : इसका उत्तर आपको ऊपर दिया गया है की जब आपसे आपका देवता ही नाराज हैं जो आपके पूजा पाठ का आधार स्तम्भ हैं तो वो भला आपकी बात आपके इष्ट तक कैसे पहुचने देगा, नतीजा आपकी पूजा पाठ वो फल नहीं देती जो देना चाहिए।
  2. खूब सारी पूजा पाठ करली परंतु सब कुछ अच्छा होने की जगह बिगड़ता चला गया : क्युकी आपकी पूजा का फल कोई और ले रहा हैं और वो जो भी हैं नकारात्मक शक्ति हैं क्युकी उसे भोग से मतलब हैं और आपको दुख देने से मतलब है उसे आपको सुख मिले या नहीं उससे कोई सरोकार नहीं।

2. कौन ले रहा हैं आपकी पूजा का फल और भोग ?

आपकी पूजा का फल ले रहा हैं कोई भूत और प्रेत जो आपने ही बुलाया है कैसे ? आइए समझते हैं,

1. सबसे पहला कारण अपनी कुलदेवी को भूल जाना जिससे उस घर की सुरक्षा टूट गई हैं.

2. दूसरा उस घर में पूजा पाठ न होना जिससे नकारात्मक शक्ति आ गई हैं।

3. पहले पूजा पाठ होती थी परंतु फिर बंद कर दी गई ।

4. पूजा पाठ होती थी लेकिन जब परीक्षा हुई तो उसके परिणाम में ईश्वर को कोसा गया और पूजा पाठ बंद कर दी गई ।

5. यू ट्यूब में देखके कोई भी तंत्र का मंत्र जपा गया वो भी बिना गुरु के या उसके अर्थ को जाने की वो सही भी है या पूर्ण भी है की नहीं ?

कुलदेवी खुश तो पूरा जहां आपका

पूर्व काल से ही हर पूर्वज अपने कुल के कुलदेवी यानि देवता की पूजा करते आए हैं ताकि उनके घर-परिवार और कुलो का हमेशा कल्याण होता रहे। कुल देवी आध्यात्मिक और पारलौकिक शक्ति से कुलों की रक्षा करती रहती हैं। जिससे नकारात्मक शक्तियों और ऊर्जाओं का खात्मा होता रहता है और परिवार में सुख शांति बनी रहती हैं , आप निरंतर हर बाधाओ को चीरकर आगे निकलते जाते हैं ।

नमो नारायण जय महाकाल जय माँ बगलामुखी

लेखक

ललित सिंह

संस्थापक

काली तत्त्व ज्ञान

error: Content is protected !!