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1 मुखी रुद्राक्ष सूर्य देव का प होता हैं इसे हमेशा साफ स्थान पे ही रखे और साफ सुथरे होकर ही स्पर्श करें । इसे माँस, मदिरा, सहवास और किसी के मरण और जीवन पे उतार देना चाहिए । अत्यधिक ऊर्जा होने के कारण ये आपको सन्याशी बनने को प्रेरित करता हैं । इसके साथ ही आपको गलत रास्ते पर जाने से रोकता हैं। शुरुवात में आपको इसको धरण करने से आपको बेचैनी हो सकती है , लेकिन इससे ज्यादा 1 मुखी रुद्राक्ष के फायदे हैं।

1 मुखी रुद्राक्ष ( Ek Mukhi Rudraksh ) पहनने के लाभ

यह आपको ईश्वर से जोड़ता हैं और मन को साफ सुथरा बनाता हैं।

यह आपके सहसत्रार चक्र को खोलता और साफ करता हैं।

इससे आपको आध्यात्मिक और भौतिक लाभ दोनों मिलते हैं।

यह आपकी सभी इच्छाओ को पूरी करता हैं।

यह पहनने वाले के पिछले जनम के पापों को समाप्त करता रहता हैं।

इसको पहनने से दिमाग के दर्द से मुक्ति मिलती हैं।

दिमाग से संबंधित बीमारियों में लाभकारी हैं।

यह मन को शीतलता और शांति देता हैं।

स्टडी करने वाले लोगों के लिए बहुत लाभकारी हैं।

इस रुद्राक्ष से आपकी अपने इंद्रियों पे पूरी नियंत्रता रहती हैं।

आँखों से संबंधित सभी बीमारियों को ये ठीक करता हैं क्युकी आँखों से संबंधित सभी बीमारियाँ सूर्य ग्रह से होती हैं।

सांस के रोगों से भी लड़ने में लाभकारि हैं।

सूर्य सभी ग्रहों में राजा हैं इसलिए ये खराब ग्रहों के प्रभावों को समाप्त करता हैं।

अगर आपकी जनम कुंडली में सूर्य ग्रह खराब हो या खराब पहल दे रहा हो तो उसका राम बाण उपाय हैं।

इसको पहनने के बाद आपके अंदर बहुत से नए विचार आते हैं जिंदगी में आगे बड़ते रहने के लिये।

सभी प्रकार की समस्याओ को समाप्त करता हैं, और साथ ही आपके गुस्से को नियंत्रित करने में सहायक हैं।

इस रुद्राक्ष को धारण करने से नेत्रत्व यानि लीडर शिप गुण आता हैं और ये राजनीति में आने वाले लोगों के लिए वरदान हैं

एक् मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि

एक् मुखी रुद्राक्ष को सोमवार को धारण करना चाहिए क्युकी ये शिव से संबंधित हैं और शिव का दिन सोमवार हैं।

इसको पहनने से पहले गंगाजल से धोना हैं और उससे पहले इसे रात भर दूध में डूबाकर रखना हैं ।

पहले पूर्व दिशा की और बैठे फिर 108 बार ॐ नमः शिवाय का जाप करें । धूप बत्ती दिखा के पूजा अर्चना करें।

इसे आप सोने चांदी के साथ पहन सकते हैं लेकिन सोने में ये अच्छा काम करता हैं बाकी आप इसे लाल या काले धागे में भी पहन सकते हैं ।

रुद्राक्ष पहनने की सावधानियाँ

सुबह उठकर जब भी रुद्राक्ष पहने तो उससे पहले शरीर साफ जरूर करें और फिर ॐ नमः शिवाय के जाप या फिर रुद्राक्ष का मूल मंत्र जरूर जपे ।

इसको पवित्र माना जाता है इसलिए माँस मदिरा का सेवन न करें तब जब आप इसे पहने हो ।

शिव को जनम और मृत्यु से परे माना गया है इसलिए इसे पहनकर नवजात का जहां जनम हुआ हो वहाँ और जहां किसी की मृत्यु हुई हो वहाँ न जाएँ ।

महिलाओं को कभी भी मासिक धर्म के समय धारण नहीं करना चाहिए ।

इसे कभी भी काले धागे में न पहने हमेशा लाल या पीले धागे में पहने ।

रुद्राक्ष को हमेशा साफ करते रहें और हो सके तो महीने में एक् बार इसे सरसों के तेल में भीगा करके रखें , याद रहें ये तेल में मजबूत होता हैं और नहाते समय शैम्पू और साबून से कमजोर होता हैं। इसके छिद्र की सफाई तो करें ही साथ ही अगर इसका धागा गंदा या खराब दिखे तो उसे भी तुरंत बदल दे । रुद्राक्ष को आप मंदिर में रखकर भी पूजा कर सकते हैं। इसे बिना स्नान करे कभी न छूए ।

लेखक

ललित सिंह

संस्थापक

काली तत्त्व ज्ञान

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