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आज में आपको तंत्र में जप और माला के चुनाव के बारे में बताने जा रहा हूँ जो की किसी भी साधना का अहम हिसा हैं। चलिए आगे लिखता हूँ।

  1. वशीकरण के लिए मूँगे और हीरे की माला बहुत प्रभावशाली होती हैं।
  2. शत्रु मारन प्रयोग के लिए स्फटिक की माला का चुनाव करें।
  3. धर्म अर्थ काम मोक्ष के लिए शंख की माला और धन की प्राप्ति के लिए कमलगट्टे की माला का प्रयोग करें।
  4. रुद्राक्ष की माला से सब प्रकार के जप कीये जा सकते हैं सिर्फ वैष्णव मंत्र और तंत्र की कुछ साधना को छोड़के
  5. विध्या प्राप्ति के लिए मोती , मूँगा, रुद्राक्ष , की माला से जाप करें।
  6. रुद्राक्ष की माला मंत्र सिद्धि के लिए सर्वोत्तम होती और 108 माला ही सही होती हैं।
  7. वशीकरण प्रयोग के लिए पूर्व मुख होकर बैठे फिर जप आरंभ करें और धन की चाह रखने वाले पश्चिम मुख होकर बैठे , आयु , रक्षा , स्वस्थ शरीर , विध्या के लिए उत्तर दिशा का चुनाव करें

जप के प्रकार और अनेकों तरह की माला का प्रयोग

साधना करने के जप तीन प्रकार के होते हैं। 1. वाचिक 2. उपांशु 3. मानसिक

  1. वाचिक जप : जो मंत्र तेज बोल बोल के जपा जाए और दूसरों को सुनायी दे उसे वाचिक जप कहते हैं। ये नए लोग के लिए सही होता हैं ।
  2. जो दूसरे व्यक्ति को सुनायी न दे परंतु आपके सिर्फ होंठ हिले उसे उपांशु जप कहते हैं, ये नए लोगों से ऊपर और सिद्ध लोगों से नीचे लोगों के लिए सही होता हैं और इसका असर 100 गुना होता हैं।
  3. जिस जाप में न होंठ हिले न जीभ चले न दांत हिले न दूसरों को सुनायी दे उस जाप को मानसिक जाप कहते हैं और ये जाप 1000 गुना शक्तिशाली और सर्वोत्तम होता हैं परंतु इसका प्रयोग नए लोग न करे क्युकी मन अचेत होगा और नींद आ जाएगी । मानसिक जाप में अभ्यास और महारत हासिल हो जाने के बाद ही इसे अजपा जाप कहते हैं।

मंत्रों का निष्कर्ष

मारन प्रयोग में हमेशा वाचिक जाप करे, शांति और प्रार्थना के लिए उपांशु और मोक्ष , ज्ञान सिद्धि के लिए मानसिक जाप ही सर्वोपरी हैं।

  1. शांति कर्म के लिए 27 दानों की माला प्रयोग करे ।
  2. वशीकरण में 15 दानों की माला ले।
  3. मोहन और आकर्षण में 10 दानों की माला ले
  4. उच्चाटन में 29 दानों की माला का प्रयोग करे ।
  5. विदेषण में 21 दानों की माला का प्रयोग करें।
  6. स्तंभन में भी 15 दानों की माला ले ।
  7. शांति , वशीकरण और स्तंभन में तर्जनी और अंगूठा से माला जाप करें।
  8. आकर्षण में अनामिका और अंगूठे से माला जप करें।
  9. विदेषण , उच्चाटन में तर्जनी और अंगूठे से माला जप करें।
  10. मारन में कनिष्ठा और अंगूठे द्वारा माला जाप करें।

लेखक

ललित सिंह

संस्थापक

काली तत्त्व ज्ञान

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